Loan Pre-payment Rule: आज के समय में जब लोगों के पास अतिरिक्त पैसा आता है तो वे सबसे पहले अपने लोन को जल्दी खत्म करने की सोचते हैं। यह एक स्वाभाविक प्रवृत्ति है क्योंकि लोग समझते हैं कि लोन से जल्दी छुटकारा पाना ही सबसे अच्छा विकल्प है। लेकिन वास्तविकता यह है कि हमेशा लोन प्री-पेमेंट फायदेमंद नहीं होता। कई बार यह निर्णय नुकसानदायक भी साबित हो सकता है और व्यक्ति को आर्थिक हानि उठानी पड़ सकती है।
लोन प्री-पेमेंट का मतलब है कि आप निर्धारित समय से पहले अपना पूरा लोन चुका देते हैं। पर्सनल लोन के मामले में यह विकल्प अधिक आकर्षक लगता है क्योंकि इस पर अन्य लोन की तुलना में अधिक ब्याज दर लगती है। बैंक और वित्तीय संस्थाएं अपने ग्राहकों को यह सुविधा प्रदान करती हैं लेकिन इसके साथ कुछ शर्तें और शुल्क भी जुड़े होते हैं। इसलिए लोन प्री-पेमेंट का निर्णय लेने से पहले सभी पहलुओं पर विचार करना आवश्यक है।
फोरक्लोजर चार्ज का वित्तीय प्रभाव
लोन प्री-पेमेंट करने पर सबसे बड़ी समस्या फोरक्लोजर चार्ज की होती है। बैंक और एनबीएफसी कंपनियां बकाया लोन राशि का 1 से 5 प्रतिशत तक फोरक्लोजर चार्ज के रूप में लेती हैं। यह चार्ज काफी महत्वपूर्ण राशि हो सकती है जो आपकी बचत को कम कर देती है। उदाहरण के तौर पर यदि आपका बकाया लोन 2 लाख रुपए है और फोरक्लोजर चार्ज 3 प्रतिशत है तो आपको 6000 रुपए अतिरिक्त देना होगा।
इस स्थिति में आपको गणना करनी चाहिए कि नियमित EMI देने और फोरक्लोजर चार्ज के साथ प्री-पेमेंट करने में से कौन सा विकल्प अधिक किफायती है। कई बार फोरक्लोजर चार्ज इतना अधिक होता है कि वह भविष्य में देने वाले ब्याज से भी ज्यादा हो जाता है। ऐसी परिस्थिति में प्री-पेमेंट करना नुकसानदायक साबित होता है। इसलिए निर्णय लेने से पहले पूरी गणना करना आवश्यक है।
ब्याज बचत बनाम अतिरिक्त शुल्क का संतुलन
लोन प्री-पेमेंट करने पर एक फायदा यह होता है कि आपको भविष्य की EMI पर लगने वाले ब्याज से राहत मिल जाती है। यह बचत तब अधिक महत्वपूर्ण होती है जब आपकी बकाया लोन राशि अधिक हो और अभी भी कई महीनों तक EMI देनी हो। लेकिन यदि आपका लोन लगभग समाप्त होने वाला है तो ब्याज की बचत बहुत कम होगी और फोरक्लोजर चार्ज की तुलना में नगण्य हो सकती है।
ब्याज की गणना के समय यह भी ध्यान रखना चाहिए कि EMI में शुरुआती वर्षों में ब्याज का हिस्सा अधिक होता है और बाद के वर्षों में मूलधन का हिस्सा बढ़ता जाता है। यदि आपने लोन का आधे से अधिक समय पूरा कर लिया है तो बची हुई EMI में ब्याज का अनुपात कम होगा। ऐसी स्थिति में प्री-पेमेंट से होने वाली ब्याज बचत फोरक्लोजर चार्ज से कम हो सकती है। इसलिए सही समय पर प्री-पेमेंट करना महत्वपूर्ण है।
क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं
लोन प्री-पेमेंट का एक सकारात्मक प्रभाव आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है। समय से पहले लोन चुकाना आपकी वित्तीय जिम्मेदारी और चुकाने की क्षमता को दर्शाता है। इससे आपका सिबिल स्कोर सुधरता है और भविष्य में लोन लेने में आसानी होती है। बैंक और वित्तीय संस्थाएं ऐसे ग्राहकों को प्राथमिकता देती हैं जिन्होंने अपने पिछले लोन का भुगतान समय पर या समय से पहले किया हो।
लेकिन यह भी सच है कि नियमित रूप से EMI का भुगतान करने से भी क्रेडिट स्कोर में सुधार होता है। कई वित्तीय सलाहकारों का मानना है कि लंबे समय तक नियमित भुगतान करना भी एक अच्छा क्रेडिट हिस्ट्री बनाता है। इसलिए केवल क्रेडिट स्कोर के लिए प्री-पेमेंट करना उचित नहीं है। यदि आपको भविष्य में लोन की जरूरत है और आपका वर्तमान स्कोर पहले से अच्छा है तो प्री-पेमेंट की जल्दी न करें।
प्री-पेमेंट का सही समय और रणनीति
लोन प्री-पेमेंट का सबसे महत्वपूर्ण पहलू इसका समय है। यदि आपने अपने लोन की 50 प्रतिशत से अधिक राशि चुका दी है तो प्री-पेमेंट करना फायदेमंद नहीं हो सकता। इसका कारण यह है कि लोन के अंतिम चरण में EMI में ब्याज का हिस्सा कम हो जाता है और मूलधन का हिस्सा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में फोरक्लोजर चार्ज देकर प्री-पेमेंट करना व्यर्थ है।
सबसे उचित समय लोन की शुरुआती अवधि में प्री-पेमेंट करना है जब अभी भी आधे से अधिक EMI बाकी हों। इस समय ब्याज की बचत अधिक होगी और फोरक्लोजर चार्ज की भरपाई हो सकेगी। प्री-पेमेंट से पहले अपनी वित्तीय स्थिति का भी आकलन करें। यदि प्री-पेमेंट के बाद आपके पास आपातकालीन खर्चों के लिए पर्याप्त राशि नहीं बचेगी तो यह निर्णय सही नहीं है।
विकल्पों का मूल्यांकन और सोच-समझकर निर्णय
लोन प्री-पेमेंट के अलावा आप अन्य विकल्पों पर भी विचार कर सकते हैं। यदि आपके पास अतिरिक्त राशि है तो उसे निवेश में लगाना भी एक बेहतर विकल्प हो सकता है। यदि आप उस राशि को किसी ऐसी जगह निवेश कर सकते हैं जहां आपको लोन की ब्याज दर से अधिक रिटर्न मिले तो प्री-पेमेंट न करना ही बेहतर है। आज के समय में कई निवेश विकल्प उपलब्ध हैं जो लोन की ब्याज दर से अधिक रिटर्न दे सकते हैं।
आंशिक प्री-पेमेंट भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है जिसमें आप पूरा लोन नहीं बल्कि कुछ हिस्सा पहले चुका देते हैं। इससे आपकी EMI कम हो जाती है या लोन की अवधि घट जाती है। यह पूर्ण प्री-पेमेंट से बेहतर हो सकता है क्योंकि इसमें फोरक्लोजर चार्ज कम लगता है या बिल्कुल नहीं लगता। अंत में, कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से सलाह लें और सभी विकल्पों की तुलना करें।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। वित्तीय निर्णय लेने से पहले योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेना आवश्यक है। विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों के नियम और शुल्क अलग-अलग हो सकते हैं। अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार सोच-समझकर निर्णय लें।