Sukanya Samriddhi Yojana News: सुकन्या समृद्धि योजना भारत सरकार की एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहल है जो देश की बालिकाओं के आर्थिक भविष्य को सुरक्षित करने के लिए शुरू की गई है। यह योजना बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसका मुख्य उद्देश्य बालिकाओं की शिक्षा और विवाह के लिए आवश्यक धन की व्यवस्था करना है। अब तक इस योजना के तहत पूरे देश में चार करोड़ से अधिक बालिकाओं के खाते खोले जा चुके हैं।
यह योजना न केवल आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है बल्कि समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को भी बढ़ावा देती है। इसके माध्यम से माता-पिता अपनी बेटियों के भविष्य के लिए व्यवस्थित रूप से बचत कर सकते हैं और उन्हें उच्च शिक्षा तथा विवाह के समय आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता।
खातों के निष्क्रिय होने की गंभीर समस्या
हाल ही में सुकन्या समृद्धि योजना के संबंध में चिंताजनक खबर सामने आई है कि धमतरी जिले में लगभग 14 हजार खाते निष्क्रिय कर दिए गए हैं। यह स्थिति तब उत्पन्न हुई जब इन खातों में नियमित रूप से राशि जमा नहीं की गई। प्रारंभ में इस जिले में 24 हजार खाते खोले गए थे लेकिन वर्तमान में केवल 10 हजार 600 खाते ही सक्रिय अवस्था में हैं।
इस समस्या का मुख्य कारण खाताधारकों की जानकारी की कमी और योजना की शर्तों के बारे में पूर्ण समझ का अभाव है। कई माता-पिता खाता खुलवाने के बाद नियमित जमा की आवश्यकता को समझ नहीं पाते हैं जिसके कारण उनके खाते निष्क्रिय हो जाते हैं। यह स्थिति न केवल बालिकाओं के भविष्य को प्रभावित करती है बल्कि योजना के मूल उद्देश्य को भी कमजोर करती है।
खाता पुनः सक्रिय करने की प्रक्रिया
निष्क्रिय हुए खातों को पुनः सक्रिय करने के लिए सरकार ने एक सरल प्रक्रिया निर्धारित की है। खाताधारकों को 250 रुपये का जुर्माना देकर अपने खाते को दोबारा चालू करवाना होगा। यह राशि अपेक्षाकृत कम है और इसका उद्देश्य खाताधारकों को दंडित करना नहीं बल्कि उन्हें नियमित जमा के महत्व के बारे में जागरूक करना है।
जुर्माना जमा करने के बाद खाताधारक को तुरंत अपनी नियमित जमा शुरू करनी चाहिए ताकि भविष्य में खाता फिर से निष्क्रिय न हो जाए। इसके लिए माता-पिता को योजना की नियमावली को ध्यान से समझना और हर वर्ष न्यूनतम 250 रुपये से लेकर अधिकतम डेढ़ लाख रुपये तक की राशि जमा करना आवश्यक है।
योजना की निवेश शर्तें और लाभ
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत वर्तमान में 8.2 प्रतिशत की आकर्षक ब्याज दर मिल रही है जो अन्य निवेश विकल्पों की तुलना में काफी बेहतर है। खाता खोलने के बाद माता-पिता को 15 वर्षों तक नियमित रूप से राशि जमा करनी होती है और खाता 21 वर्ष बाद परिपक्व होता है। इस अवधि में जमा की गई राशि पर मिलने वाला ब्याज कर मुक्त होता है।
योजना की मुख्य विशेषता यह है कि बालिका की 18 वर्ष की आयु के बाद उच्च शिक्षा के लिए 50 प्रतिशत राशि निकाली जा सकती है। शेष राशि 21 वर्ष पूरे होने पर मिलती है जो विवाह या अन्य आवश्यकताओं के लिए उपयोग की जा सकती है। यह व्यवस्था बालिकाओं की शिक्षा और करियर दोनों के लिए सहायक होती है।
खाता खोलने की सुविधाजनक प्रक्रिया
सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खोलने के लिए दो विकल्प उपलब्ध हैं। ऑनलाइन प्रक्रिया के लिए IPPB एप का उपयोग करके डिजिटल बचत खाता खोला जा सकता है। इसके बाद आवश्यक दस्तावेज अपलोड करके सुकन्या खाते के लिए आवेदन किया जा सकता है।
ऑफलाइन प्रक्रिया के लिए माता-पिता को नजदीकी बैंक या डाकघर में जाकर आवेदन फॉर्म भरना होता है। आवश्यक दस्तावेजों के साथ प्रारंभिक जमा राशि देकर खाता तुरंत खोला जा सकता है। दोनों प्रक्रियाएं सरल हैं और सरकार का प्रयास है कि अधिक से अधिक परिवार इस योजना का लाभ उठा सकें।
अस्वीकरण: यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। सुकन्या समृद्धि योजना की नियम और शर्तें समय-समय पर बदल सकती हैं। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे खाता खोलने से पहले संबंधित बैंक या डाकघर से नवीनतम नियमों की जानकारी प्राप्त करें।