8th Pay Commission: केंद्र सरकार के करोड़ों कर्मचारी और पेंशनधारक 8वें वेतन आयोग के क्रियान्वयन का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। जनवरी 2025 में सरकार द्वारा इस आयोग को मंजूरी दिए जाने के बावजूद भी अभी तक कोई ठोस प्रगति नहीं दिखाई दे रही है। प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार जनवरी 2026 से नई वेतन संरचना लागू होने की उम्मीद थी, परंतु वर्तमान स्थिति इसके विपरीत संकेत दे रही है।
आयोग के गठन में हो रही देरी का मुख्य कारण प्रशासनिक प्रक्रियाओं की धीमी गति है। अभी तक न तो आयोग के सदस्यों की नियुक्ति हुई है और न ही इसकी कार्यप्रणाली के नियम निर्धारित किए गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इन सभी कारकों को देखते हुए निर्धारित समयसीमा में वेतन संशोधन संभव नहीं लग रहा।
पूर्व वेतन आयोग की समयसीमा से तुलना
सातवें वेतन आयोग का अनुभव इस विषय में महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान करता है। फरवरी 2014 में गठित होने के बाद इस आयोग ने लगभग दो वर्ष का समय लिया था अपनी सिफारिशें तैयार करने में। इसके बाद सरकारी मंजूरी और क्रियान्वयन की प्रक्रिया में अतिरिक्त समय लगा था। अंततः जनवरी 2016 से सातवां वेतन आयोग प्रभावी हुआ था।
वर्तमान में 2025 के मध्य तक आठवें वेतन आयोग का गठन न होना चिंताजनक है। यह स्थिति स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि पहले से निर्धारित कार्यक्रम में काफी देरी हो चुकी है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार अब वेतन संशोधन 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत तक स्थगित हो सकता है।
फिटमेंट फैक्टर का महत्वपूर्ण विश्लेषण
वेतन आयोग की सिफारिशों में फिटमेंट फैक्टर एक केंद्रीय भूमिका निभाता है। यह निर्धारित करता है कि मौजूदा न्यूनतम वेतन में कितनी वृद्धि होगी। सातवें वेतन आयोग में यह गुणांक 2.57 था, जिसके कारण न्यूनतम मूल वेतन सात हजार रुपये से बढ़कर अठारह हजार रुपये हो गया था।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि आठवें आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.92 से 2.86 के बीच हो सकता है। यदि 2.86 का उच्चतम गुणांक अपनाया जाता है तो न्यूनतम वेतन इक्यावन हजार रुपये तक पहुंच सकता है। हालांकि राजकोषीय दबाव को देखते हुए 2.6 से 2.7 के बीच का आंकड़ा अधिक व्यावहारिक माना जा रहा है।
महंगाई भत्ते में होने वाले परिवर्तन
आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों के साथ महंगाई भत्ते को मूल वेतन में सम्मिलित करने की व्यवस्था है। वर्तमान में महंगाई भत्ता लगभग पचपन प्रतिशत की दर से दिया जा रहा है जो जनवरी 2025 से प्रभावी है। जुलाई 2025 में इसमें और वृद्धि होने की संभावना है।
नई वेतन संरचना में महंगाई भत्ते के विलय से कुल वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। परंतु इसके साथ ही नया महंगाई भत्ता शून्य से पुनः गणना शुरू होगी। इसका अर्थ है कि आने वाले कुछ वर्षों में महंगाई भत्ते की वृद्धि सीमित रह सकती है। यह व्यवस्था कर्मचारियों के लिए मिश्रित परिणाम लेकर आ सकती है।
पेंशनधारकों के लिए नई व्यवस्था
पेंशनभोगियों के लिए भी समान संरचनात्मक परिवर्तन लागू होंगे। उनके मामले में महंगाई राहत को मूल पेंशन में शामिल किया जाएगा। इससे मासिक पेंशन राशि में महत्वपूर्ण बदलाव आने की उम्मीद है। पेंशनर संगठनों ने इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और स्पष्टता की मांग उठाई है।
यह परिवर्तन विशेष रूप से उन पेंशनधारकों के लिए लाभकारी हो सकता है जो कई वर्षों से सेवानिवृत्त हैं। उनकी पेंशन में एक साथ काफी वृद्धि हो सकती है। हालांकि भविष्य में महंगाई राहत की वृद्धि धीमी हो सकती है।
अस्वीकरण: यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। 8वें वेतन आयोग की वास्तविक सिफारिशें और क्रियान्वयन की तारीख केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की जाएगी। किसी भी निर्णय से पहले आधिकारिक स्रोतों से नवीनतम जानकारी अवश्य प्राप्त करें।