Income Tax: केंद्रीय बजट 2025 में भारत सरकार ने कर दाताओं को बड़ी राहत प्रदान की है जिसके तहत नई कर व्यवस्था में 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा। इसके अतिरिक्त 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा जिससे कुल मिलाकर 12.75 लाख रुपये तक की आय पूर्णतः कर मुक्त हो जाएगी। यह निर्णय मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है क्योंकि इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
हालांकि यह घोषणा अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है लेकिन कुछ स्मार्ट रणनीतियों को अपनाकर आप 19.20 लाख रुपये तक की सालाना आय पर भी जीरो टैक्स का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए आपको नेशनल पेंशन सिस्टम और विभिन्न फ्लेक्सी पे कंपोनेंट्स का सही उपयोग करना होगा। यह व्यवस्था उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो योजनाबद्ध तरीके से अपने कर का भुगतान करना चाहते हैं।
नेशनल पेंशन सिस्टम का महत्वपूर्ण योगदान
नेशनल पेंशन सिस्टम नई कर व्यवस्था में 19.20 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री बनाने की कुंजी है। एनपीएस में निवेश करके आप अपनी कर योग्य आय को काफी कम कर सकते हैं। यदि आपकी बेसिक सैलरी 6 लाख रुपये है तो आप इसका 14 प्रतिशत यानी 84,000 रुपये एनपीएस में निवेश करके अतिरिक्त कर छूट प्राप्त कर सकते हैं। यह राशि आपकी कर योग्य आय से पूर्णतः कट जाएगी।
एनपीएस में निवेश का दोहरा फायदा है क्योंकि एक तरफ आपको तत्काल कर छूट मिलती है तो दूसरी तरफ आपका भविष्य के लिए पेंशन फंड भी तैयार होता रहता है। यह निवेश न केवल कर बचाने का साधन है बल्कि सेवानिवृत्ति के बाद नियमित आय का एक विश्वसनीय स्रोत भी है। सरकार की यह नीति लोगों को दीर्घकालिक बचत के लिए प्रेरित करने और उनकी वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाई गई है।
सैलरी स्ट्रक्चर की विस्तृत जानकारी
19.20 लाख रुपये की सालाना आय वाले व्यक्ति का सैलरी स्ट्रक्चर समझना बहुत जरूरी है क्योंकि इसी के आधार पर कर की गणना होती है। इस आय में बेसिक पे 6 लाख रुपये होगा जो सैलरी का मुख्य घटक है। पर्सनल अलाउंस 5 लाख 50 हजार रुपये होगा जो दैनिक खर्चों के लिए दिया जाता है। न्यूनतम पीएफ कंट्रिब्यूशन 21,600 रुपये होगा जो भविष्य निधि में जमा होता है।
ग्रेच्युटी के रूप में 28,800 रुपये मिलेंगे जो सेवा समाप्ति के समय दिया जाने वाला लाभ है। वेरिएबल पे के तौर पर 96,000 रुपये होंगे जो प्रदर्शन के आधार पर दिए जाते हैं। सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा फ्लेक्सी पे टैक्स फ्री कंपोनेंट्स का है जो 6,23,600 रुपये होगा। यह संरचना इस प्रकार बनाई गई है कि अधिकतम कर छूट का लाभ उठाया जा सके और कर्मचारी को बेहतर इन हैंड सैलरी मिल सके।
स्टैंडर्ड डिडक्शन और एनपीएस की कुल छूट
नई कर व्यवस्था में सरकार 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन प्रदान करती है जो सभी सैलरी पाने वाले व्यक्तियों को स्वचालित रूप से मिलता है। इस डिडक्शन के कारण आपकी 19.20 लाख रुपये की आय घटकर 18,45,000 रुपये हो जाएगी। इसके बाद यदि आप नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश करते हैं तो बेसिक सैलरी का 14 प्रतिशत यानी 84,000 रुपये की अतिरिक्त छूट मिलेगी।
इन दोनों डिडक्शन को मिलाकर आपकी कर योग्य आय 17,61,000 रुपये रह जाएगी। यह गणना दिखाती है कि सरकारी नीतियों का सही उपयोग करके कैसे अपनी कर देयता को काफी कम किया जा सकता है। स्टैंडर्ड डिडक्शन और एनपीएस की छूट मिलकर आपको 1,59,000 रुपये की कुल कर छूट प्रदान करती है जो एक महत्वपूर्ण राशि है।
फ्लेक्सी पे टैक्स फ्री कंपोनेंट्स का विश्लेषण
फ्लेक्सी पे टैक्स फ्री कंपोनेंट्स का सही उपयोग करके आप अपनी कर योग्य आय को और भी कम कर सकते हैं। इसमें कन्वेंस अलाउंस के रूप में 2,85,600 रुपये मिलते हैं जो आने-जाने की सुविधा के लिए दिए जाते हैं। बुक्स और पीरियोडिकल्स के लिए 1,08,000 रुपये की छूट मिलती है जो शैक्षणिक सामग्री की खरीदारी के लिए है। एंटरटेनमेंट के नाम पर 2,40,000 रुपये की छूट दी जाती है।
यूनिफॉर्म अलाउंस के तौर पर सालाना 90,000 रुपये की छूट मिलती है जो कार्यालयीन पोशाक की खरीदारी के लिए है। इन सभी कंपोनेंट्स को मिलाकर कुल 6,23,600 रुपये की छूट मिलती है जो एक काफी बड़ी राशि है। यह व्यवस्था कंपनियों को अपने कर्मचारियों को बेहतर सैलरी पैकेज देने और कर्मचारियों को कम कर देने की सुविधा प्रदान करती है। इस प्रकार के कंपोनेंट्स का उपयोग करके दोनों पक्षों को फायदा होता है।
अंतिम गणना और जीरो टैक्स का लाभ
सभी डिडक्शन और छूटों को मिलाकर अंतिम गणना करने पर स्पष्ट हो जाता है कि कैसे 19.20 लाख रुपये की आय पर जीरो टैक्स का लाभ उठाया जा सकता है। फ्लेक्सी पे टैक्स फ्री कंपोनेंट्स की 6,23,600 रुपये की राशि को 17,61,000 रुपये से घटाने पर कर योग्य आय 11,37,400 रुपये बन जाती है। चूंकि सरकार ने नई कर व्यवस्था में 12 लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त किया है इसलिए यह राशि कर सीमा के अंतर्गत आ जाती है।
इस प्रकार 19.20 लाख रुपये के सीटीसी वाले व्यक्ति को एक भी रुपया कर नहीं देना पड़ेगा। यह गणना दिखाती है कि सही योजना और जानकारी के साथ कैसे अधिक आय पर भी कर की बचत की जा सकती है। यह व्यवस्था विशेष रूप से मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए फायदेमंद है जो अपनी बचत को बढ़ाना चाहते हैं और कम कर देना चाहते हैं।
व्यावहारिक सुझाव और महत्वपूर्ण बातें
इस कर बचत रणनीति को अपनाने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आपकी कंपनी फ्लेक्सी पे कंपोनेंट्स की सुविधा प्रदान करती है क्योंकि सभी संगठनों में यह व्यवस्था नहीं होती। दूसरे एनपीएस में निवेश करने से पहले इसकी शर्तों और नियमों को समझ लें क्योंकि यह एक दीर्घकालिक निवेश है। तीसरे सभी छूटों का दावा करने के लिए उचित दस्तावेज और रसीदें रखना आवश्यक है।
सबसे जरूरी बात यह है कि आपको अपने एचआर विभाग और कर सलाहकार से सलाह लेकर अपनी सैलरी स्ट्रक्चर को इस प्रकार डिजाइन करना चाहिए कि अधिकतम कर छूट का लाभ उठाया जा सके। इसके अलावा कर नियमों में होने वाले बदलावों पर नजर रखना भी जरूरी है ताकि आप हमेशा सबसे अच्छी रणनीति अपना सकें। सही योजना और जानकारी के साथ आप अपनी कर देयता को काफी कम कर सकते हैं।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है और कर नियमों की जटिलताओं को सरल भाषा में समझाने का प्रयास है। कर कानून जटिल होते हैं और व्यक्तिगत परिस्थितियों के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। किसी भी कर संबंधी निर्णय लेने से पहले कृपया योग्य चार्टर्ड अकाउंटेंट या कर सलाहकार से सलाह लें। लेखक या प्रकाशक किसी भी गलत कर गणना या नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।