Toll Tax: सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा था जिसमें दावा किया जा रहा था कि यदि टोल प्लाजा पर कोई गाड़ी को पार करने में 10 सेकंड से अधिक समय लगता है तो उसे टोल टैक्स नहीं देना होता। इस वीडियो में चालकों को टोल कर्मचारियों के साथ इस नियम को लेकर बहस करते हुए दिखाया गया था। कई लोगों ने इस जानकारी को सच मानकर टोल प्लाजा पर अपने अधिकारों का दावा करना शुरू कर दिया था। लेकिन यह जानकारी पूर्णतः गलत साबित हुई है।
वास्तविकता यह है कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस प्रकार के सभी नियमों को समाप्त कर दिया है। पहले 2021 में जारी किए गए कुछ विशेष आदेशों के तहत 100 मीटर की लाइन लगने पर टोल टैक्स में छूट का प्रावधान था लेकिन अब यह नियम भी वापस ले लिया गया है। इसका मतलब यह है कि अब चाहे कितनी भी लंबी लाइन हो या गाड़ी को पार करने में कितना भी समय लगे, टोल टैक्स देना अनिवार्य है।
NHAI द्वारा नीति में किए गए महत्वपूर्ण बदलाव
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने 19 अगस्त को एक महत्वपूर्ण सर्कुलर जारी करके फ्री-फ्लो पॉलिसी के सभी प्रावधानों को समाप्त कर दिया है। यह निर्णय उन भ्रामक स्थितियों को देखते हुए लिया गया है जो लोगों में टोल नियमों को लेकर पैदा हो रही थीं। फ्री-फ्लो पॉलिसी के तहत कुछ विशेष परिस्थितियों में वाहन चालकों को टोल टैक्स से छूट मिलती थी लेकिन इसकी गलत व्याख्या के कारण कई टोल प्लाजा पर विवाद होते रहते थे।
नई नीति के अनुसार अब सभी वाहनों को बिना किसी शर्त के टोल टैक्स का भुगतान करना होगा। यह बदलाव इसलिए किया गया है ताकि टोल प्लाजा पर होने वाले झगड़ों को कम किया जा सके और यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया जा सके। NHAI का कहना है कि पुराने नियमों के कारण टोल कर्मचारियों और यात्रियों के बीच अक्सर तनाव की स्थिति बनती थी जो किसी के लिए भी फायदेमंद नहीं थी।
10 सेकंड के नियम की वास्तविकता
NHAI के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि 10 सेकंड वाला नियम सभी टोल प्लाजा के लिए लागू नहीं था बल्कि यह केवल उन टोल प्लाजा के लिए था जो 2021 में नए बनाए गए थे। यह नियम भी अब पूर्णतः समाप्त कर दिया गया है और इसका कोई वैधानिक आधार नहीं है। लोगों में इस नियम को लेकर जो भ्रम फैला था वह गलत जानकारी पर आधारित था। अब कोई भी वाहन चालक इस आधार पर टोल टैक्स देने से मना नहीं कर सकता।
इस भ्रम के कारण कई बार टोल प्लाजा पर झगड़े होते थे और यातायात की गति धीमी हो जाती थी। कुछ लोग जानबूझकर इस गलत नियम का हवाला देकर टोल टैक्स से बचने की कोशिश करते थे। इससे न केवल टोल संग्रह में बाधा आती थी बल्कि अन्य यात्रियों को भी परेशानी होती थी। NHAI ने इन सभी समस्याओं को देखते हुए एक स्पष्ट और सरल नीति बनाने का निर्णय लिया है।
100 मीटर लाइन वाली छूट का अंत
पहले 2021 में जारी किए गए आदेश के अनुसार यदि टोल प्लाजा पर 100 मीटर से अधिक लंबी लाइन लग जाती थी तो उसके पीछे आने वाली गाड़ियों को टोल टैक्स नहीं देना होता था। यह व्यवस्था यात्रियों की सुविधा के लिए बनाई गई थी ताकि अधिक भीड़भाड़ की स्थिति में लोगों को राहत मिल सके। लेकिन इस नियम का भी दुरुपयोग होने लगा था और कई लोग जानबूझकर लंबी लाइन का बहाना बनाकर टोल टैक्स से बचने की कोशिश करते थे।
अब NHAI ने इस छूट को भी समाप्त कर दिया है और स्पष्ट कर दिया है कि चाहे कितनी भी लंबी लाइन हो, सभी वाहनों को टोल टैक्स देना अनिवार्य है। यह निर्णय टोल संग्रह को नियमित बनाने और राजस्व की हानि को रोकने के लिए लिया गया है। अब टोल प्लाजा पर किसी भी प्रकार की छूट के लिए कोई प्रावधान नहीं है और सभी को समान रूप से टैक्स देना होगा।
विशेष व्यक्तियों और वाहनों के लिए छूट की व्यवस्था
हालांकि आम जनता के लिए टोल टैक्स की छूट समाप्त कर दी गई है लेकिन कुछ विशेष व्यक्तियों और सरकारी वाहनों के लिए छूट की व्यवस्था अभी भी बनी हुई है। इस सूची में भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सभी राज्यों के राज्यपाल शामिल हैं। न्यायपालिका से सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों को भी यह छूट प्राप्त है। लोकसभा अध्यक्ष, सभी केंद्रीय मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस सूची में शामिल हैं।
केंद्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर और कुछ अन्य संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों को भी टोल टैक्स से छूट मिलती है। यह छूट उनके पद की गरिमा और सरकारी कार्यों की आवश्यकता को देखते हुए दी जाती है। आपातकालीन सेवाओं जैसे एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिस वाहनों को भी विशेष परिस्थितियों में छूट मिल सकती है। यह व्यवस्था सामाजिक आवश्यकताओं और आपातकालीन स्थितियों को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
यात्रियों के लिए नई व्यवस्था और सुझाव
नई नीति के बाद यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना बनाते समय टोल टैक्स को एक अनिवार्य खर्च मानना होगा। अब किसी भी प्रकार की छूट की उम्मीद नहीं करनी चाहिए और समय पर टैक्स का भुगतान करना चाहिए। डिजिटल भुगतान के माध्यमों का उपयोग करके टोल प्लाजा पर समय की बचत की जा सकती है। फास्टैग का उपयोग करना सबसे अच्छा विकल्प है क्योंकि इससे तेजी से टोल का भुगतान हो जाता है।
यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे वायरल वीडियो या अफवाहों पर भरोसा न करें और केवल आधिकारिक स्रोतों से जानकारी लें। टोल प्लाजा पर किसी भी प्रकार का विवाद करने से बचना चाहिए क्योंकि इससे न केवल अपना समय बर्बाद होता है बल्कि अन्य यात्रियों को भी परेशानी होती है। यदि कोई वास्तविक समस्या है तो उसे उचित माध्यमों से हल करना चाहिए।
भविष्य की योजनाएं और सुधार की दिशा
NHAI का उद्देश्य राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात व्यवस्था को और भी बेहतर बनाना है। टोल संग्रह प्रणाली में पारदर्शिता लाने और विवादों को कम करने के लिए नई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। भविष्य में पूर्णतः डिजिटल टोल संग्रह की योजना है जिससे गाड़ियों को रुकना भी नहीं पड़ेगा। सैटेलाइट टोल टैक्स जैसी नई तकनीकों पर भी काम चल रहा है जो दूरी के आधार पर टैक्स लगाएगी।
राजमार्गों की गुणवत्ता में सुधार और बेहतर सुविधाओं के विकास के लिए टोल टैक्स का सही उपयोग किया जा रहा है। NHAI का कहना है कि टोल से मिलने वाला राजस्व सड़कों के रखरखाव और नई परियोजनाओं में लगाया जाता है। इसलिए यात्रियों से अपील की जाती है कि वे टोल टैक्स को राष्ट्र निर्माण में योगदान के रूप में देखें और इसका भुगतान करने में सहयोग करें।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है और NHAI की वर्तमान नीतियों पर आधारित है। टोल टैक्स के नियम और दरें समय-समय पर बदल सकती हैं। सटीक और अद्यतन जानकारी के लिए कृपया NHAI की आधिकारिक वेबसाइट या टोल प्लाजा के नोटिस बोर्ड देखें। किसी भी विवाद की स्थिति में उचित कानूनी सलाह लें। लेखक या प्रकाशक किसी भी गलत जानकारी या हानि के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।