BEd Institute Cancel: देश में शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। एनसीटीई ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए 2224 बीएड कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है। यह फैसला उन शिक्षण संस्थानों के विरुद्ध लिया गया है जो लंबे समय से निर्धारित शैक्षणिक मानकों को पूरा करने में असफल रहे हैं। इस कार्रवाई का उद्देश्य शिक्षक प्रशिक्षण के क्षेत्र में व्याप्त अनियमितताओं को समाप्त करना और वास्तविक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है।
व्यापक जांच और चेतावनियों के बाद लिया गया निर्णय
यह कार्रवाई अचानक नहीं की गई है बल्कि इसके पीछे एक लंबी प्रक्रिया है। एनसीटीई ने इन संस्थानों को परफॉर्मेंस मूल्यांकन रिपोर्ट जमा करने के लिए चार महीने से अधिक का समय दिया था। इस दौरान कई बार ईमेल भेजे गए, कारण बताओ नोटिस जारी किए गए और चेतावनियां दी गईं। फिर भी जिन संस्थानों ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया या रिपोर्ट जमा नहीं की, उनके खिलाफ यह सख्त कार्रवाई की गई है। यह दर्शाता है कि परिषद का धैर्य समाप्त हो गया था और अब वे गुणवत्ता के मामले में कोई समझौता नहीं करने को तैयार हैं।
नकली संस्थाओं की पोल खुली
जांच के दौरान यह पता चला कि अधिकांश संस्थाएं केवल कागजों पर मौजूद थीं। इन तथाकथित कॉलेजों में केवल छात्रों का नामांकन किया जाता था लेकिन वास्तविक शिक्षण या प्रशिक्षण की कोई व्यवस्था नहीं थी। जांच में कई नकली शिक्षकों और फर्जी छात्रों का भी पता चला है। ये संस्थाएं शिक्षा के नाम पर धोखाधड़ी कर रही थीं और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही थीं। परफॉर्मेंस मूल्यांकन रिपोर्ट की अनिवार्यता इसी वजह से लाई गई थी ताकि इन संस्थानों की वास्तविकता सामने आ सके।
क्षेत्रीय वितरण और व्यापकता
इस कार्रवाई की व्यापकता इस बात से समझी जा सकती है कि देश के सभी क्षेत्रों के कॉलेज इसमें शामिल हैं। दक्षिण भारत से सबसे अधिक 800 संस्थानों की मान्यता रद्द की गई है। पश्चिमी क्षेत्र से 686, उत्तरी क्षेत्र से 636 और पूर्वी क्षेत्र से 297 कॉलेज इस सूची में शामिल हैं। यह स्पष्ट करता है कि समस्या केवल किसी एक राज्य या क्षेत्र तक सीमित नहीं थी बल्कि पूरे देश में बीएड शिक्षा के नाम पर व्यापक स्तर पर धोखाधड़ी हो रही थी।
आगे की संभावनाएं और चेतावनी
यह कार्रवाई यहीं समाप्त नहीं होने वाली है। एनसीटीई के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि वर्तमान में और भी कई संस्थानों की मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया चल रही है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह संख्या बढ़कर 3000 से भी अधिक हो सकती है। यह स्थिति उन छात्रों के लिए गंभीर चिंता का विषय है जो शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं। इसलिए किसी भी कॉलेज में प्रवेश लेने से पहले उसकी मान्यता की स्थिति जांचना अत्यंत आवश्यक हो गया है।
छात्रों के लिए महत्वपूर्ण सलाह
एनसीटीई ने घोषणा की है कि जिन संस्थानों की मान्यता रद्द की गई है, उनकी संपूर्ण सूची 12 जून 2025 को आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित की जाएगी। यह तारीख सभी इच्छुक छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए महत्वपूर्ण है। बीएड कोर्स में प्रवेश लेने से पहले इस सूची की जांच करना अनिवार्य है। यदि कोई छात्र मान्यता रद्द संस्थान में प्रवेश लेता है तो उसकी डिग्री पूर्णतः अमान्य होगी और इससे उसके शिक्षक बनने के सपने चकनाचूर हो सकते हैं।
अस्वीकरण: यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। नवीनतम और प्रामाणिक जानकारी के लिए कृपया एनसीटीई की आधिकारिक वेबसाइट देखें।