EPFO Pension New Rule: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपनी पेंशन योजना में कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं जो देश के करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए लाभकारी साबित होंगे। यह योजना 1995 से संचालित हो रही है और संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने का मुख्य उद्देश्य रखती है। हाल की अधिसूचनाओं के अनुसार ईपीएफओ ने पेंशन प्रक्रिया को और भी सरल, पारदर्शी और डिजिटल बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। इन नए नियमों से न केवल मौजूदा पेंशनभोगियों को बल्कि भविष्य में पेंशन प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को भी व्यापक लाभ मिलेगा।
दस वर्षीय सेवा अवधि की स्पष्ट व्यवस्था
ईपीएफओ पेंशन योजना के तहत सबसे महत्वपूर्ण नियम यह है कि पेंशन प्राप्त करने के लिए कर्मचारी को कम से कम दस वर्ष की सेवा पूरी करनी आवश्यक है। इस नियम में अब स्पष्टता लाई गई है कि यह सेवा अवधि लगातार होना जरूरी नहीं है। यदि कोई कर्मचारी अलग-अलग कंपनियों में काम करता है या बीच में कुछ समय का अंतराल लेता है तो भी उसकी कुल सेवा अवधि को जोड़ा जाएगा। इसके लिए आवश्यक शर्त यह है कि कर्मचारी का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर एक ही हो और ईपीएफओ में नियमित योगदान जारी रहा हो। यह व्यवस्था उन कर्मचारियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो करियर के दौरान नौकरी बदलते रहते हैं।
केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली की शुरुआत
ईपीएफओ ने जनवरी 2025 से केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली शुरू की है जो पेंशनभोगियों के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव है। इस नई व्यवस्था के तहत अब पेंशन देश के किसी भी बैंक की किसी भी शाखा से निकाली जा सकती है। इससे पहले पेंशनभोगियों को एक निर्दिष्ट बैंक शाखा में ही जाना पड़ता था। अब पेंशन पेमेंट ऑर्डर ट्रांसफर की आवश्यकता भी नहीं है जिससे प्रक्रिया में लगने वाला समय और झंझट काफी कम हो गया है। डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना भी अब बेहद आसान हो गया है और पेंशनभोगी घर बैठे ही अपना वार्षिक प्रमाणपत्र जमा कर सकते हैं।
न्यूनतम पेंशन राशि में उल्लेखनीय वृद्धि
ईपीएफओ ने पेंशनभोगियों के हित में न्यूनतम पेंशन राशि में महत्वपूर्ण वृद्धि की है। मई 2025 से न्यूनतम पेंशन राशि को एक हजार रुपए प्रति माह से बढ़ाकर साढ़े सात हजार रुपए प्रति माह कर दिया गया है। यह निर्णय देश के लगभग साठ लाख पेंशनभोगियों के लिए अत्यंत लाभकारी है। इस वृद्धि से उन पेंशनभोगियों को विशेष लाभ मिलेगा जिनकी पेंशन राशि बहुत कम थी। महंगाई के इस दौर में यह वृद्धि पेंशनभोगियों की आर्थिक स्थिति सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
डिजिटल प्रक्रिया और सरलीकरण
ईपीएफओ ने अपनी सभी प्रक्रियाओं को डिजिटल और पेपरलेस बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अब प्रोफाइल अपडेट करना, प्रोविडेंट फंड ट्रांसफर करना और बैंक विवरण बदलना बेहद आसान हो गया है। आधार से लिंक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर वाले कर्मचारी अपना नाम, जन्मतिथि और अन्य व्यक्तिगत जानकारी ऑनलाइन ही अपडेट कर सकते हैं। नौकरी बदलने पर प्रोविडेंट फंड ट्रांसफर के लिए अब पुराने या नए नियोक्ता की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। फेस ऑथेंटिकेशन और ओटीपी आधारित सत्यापन से पूरी प्रक्रिया और भी सुरक्षित और तेज़ हो गई है।
उच्च पेंशन योजना की नई व्यवस्था
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद ईपीएफओ ने उच्च पेंशन योजना के लिए नई दिशा-निर्देश जारी की हैं। जिन कर्मचारियों का मूल वेतन पंद्रह हजार रुपए से अधिक है वे अतिरिक्त योगदान देकर उच्च पेंशन का लाभ उठा सकते हैं। यह सुविधा उन कर्मचारियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो रिटायरमेंट के बाद बेहतर पेंशन चाहते हैं। उच्च पेंशन के लिए आवेदन प्रक्रिया अब ऑनलाइन हो गई है और संबंधित दिशा-निर्देश ईपीएफओ की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
पेंशन योजना के व्यापक लाभ
ईपीएफओ पेंशन योजना केवल रिटायरमेंट पेंशन तक सीमित नहीं है बल्कि यह कई प्रकार की पेंशन प्रदान करती है। इसमें सामान्य रिटायरमेंट पेंशन, आंशिक पेंशन, विकलांगता पेंशन, विधवा पेंशन, बच्चों की पेंशन और अनाथ पेंशन शामिल है। कर्मचारी अट्ठावन वर्ष की आयु में पूर्ण पेंशन प्राप्त कर सकता है जबकि पचास वर्ष की आयु के बाद कम राशि में आंशिक पेंशन का विकल्प भी उपलब्ध है। यदि कर्मचारी साठ वर्ष तक पेंशन लेना स्थगित करता है तो प्रत्येक वर्ष के लिए चार प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन मिलती है।
अस्वीकरण: यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। ईपीएफओ की नीतियों और नियमों में समय-समय पर बदलाव होते रहते हैं। नवीनतम और सटीक जानकारी के लिए कृपया ईपीएफओ की आधिकारिक वेबसाइट या अपने नियोक्ता से संपर्क करें।