समय से पहले होम लोन भरने का फायदा या बड़ा नुकसान, लोन लेने वाले जरूर जान लें ये बात Home Loan Pre-payment

By Meera Sharma

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Home Loan Pre-payment

Home Loan Pre-payment आज के समय में जब अधिकांश लोग अपना घर खरीदने के लिए होम लोन लेते हैं, तो उनके मन में एक सवाल हमेशा रहता है कि क्या समय से पहले लोन चुका देना बेहतर होता है या नहीं। यह एक जटिल वित्तीय निर्णय है जिसमें कई पहलुओं पर विचार करना आवश्यक होता है। होम लोन प्री-पेमेंट का मतलब है कि आप अपने नियमित ईएमआई के अलावा एक बड़ी राशि का भुगतान करके अपने लोन को जल्दी खत्म करना चाहते हैं।

इस फैसले में जल्दबाजी करना उचित नहीं होता क्योंकि इसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलू हैं। कई बार लोग अपनी सारी बचत लगाकर लोन चुकाने की कोशिश करते हैं, लेकिन बाद में उन्हें अन्य जरूरतों के लिए पैसों की कमी का सामना करना पड़ता है। इसलिए प्री-पेमेंट का निर्णय लेने से पहले अपनी पूरी वित्तीय स्थिति का सही आकलन करना जरूरी है।

वित्तीय जरूरतों का सही आकलन

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होम लोन का प्री-पेमेंट करने से पहले यह सुनिश्चित करना बेहद महत्वपूर्ण है कि आपके पास भविष्य की आवश्यकताओं के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध हो। परिवार में शादी-विवाह, बच्चों की शिक्षा, विदेश यात्रा, या किसी आपातकालीन परिस्थिति के लिए एक अच्छी खासी राशि अलग से रखनी चाहिए। यदि आप अपनी सारी बचत लोन चुकाने में लगा देते हैं तो बाद में जरूरत पड़ने पर आपको दूसरे स्रोतों से उधार लेना पड़ सकता है।

इसके अलावा, घर की मरम्मत, स्वास्थ्य संबंधी आपातकाल, या नौकरी चले जाने जैसी अप्रत्याशित स्थितियों के लिए भी एक आपातकालीन फंड बनाकर रखना आवश्यक है। वित्तीय विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि कम से कम छह महीने की घरेलू जरूरतों के बराबर राशि हमेशा तुरंत उपलब्ध होनी चाहिए। यदि प्री-पेमेंट के बाद आपकी यह व्यवस्था बिगड़ जाती है तो यह एक गलत निर्णय साबित हो सकता है।

निवेश की संभावनाओं का तुलनात्मक विश्लेषण

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होम लोन की प्री-पेमेंट करने से पहले यह जांचना जरूरी है कि क्या आप उस पैसे को कहीं और निवेश करके लोन की ब्याज दर से अधिक रिटर्न कमा सकते हैं। आजकल होम लोन की ब्याज दर आमतौर पर 8 से 10 प्रतिशत के बीच होती है, जबकि इक्विटी में लंबे समय तक निवेश करके आप 12 से 15 प्रतिशत तक का रिटर्न पा सकते हैं। यदि आपको निवेश से अधिक रिटर्न मिलने की संभावना है तो प्री-पेमेंट करने के बजाय निवेश करना बेहतर विकल्प हो सकता है।

इक्विटी मार्केट में लंबे समय तक निवेश करने से जोखिम कम हो जाता है और बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाती है। म्यूचुअल फंड, एसआईपी, या प्रोविडेंट फंड जैसे निवेश विकल्पों में पैसा लगाकर आप अपनी संपत्ति बढ़ा सकते हैं। हालांकि, बाजार में निवेश में जोखिम भी शामिल होता है, इसलिए अपनी जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार ही निवेश का फैसला करना चाहिए।

लोन के चरण का महत्वपूर्ण प्रभाव

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आप अपने होम लोन के किस चरण में प्री-पेमेंट कर रहे हैं, यह बहुत महत्वपूर्ण होता है। लोन के शुरुआती वर्षों में आपकी ईएमआई का सबसे बड़ा हिस्सा ब्याज के रूप में जाता है और मूल राशि का भुगतान कम होता है। इसलिए यदि आप शुरुआती 5-7 वर्षों में प्री-पेमेंट करते हैं तो आपको ब्याज की बचत का अधिकतम फायदा मिलता है। इससे आपकी ईएमआई कम हो जाती है और लाखों रुपए का ब्याज बच जाता है।

लेकिन यदि आप लोन के मध्य या अंतिम चरण में प्री-पेमेंट करते हैं तो ब्याज की बचत उतनी नहीं होती। इस स्थिति में आपकी ईएमआई का अधिकांश हिस्सा पहले से ही मूल राशि के भुगतान में जा रहा होता है। इसलिए लोन के बाद के चरणों में प्री-पेमेंट करने के बजाय उस पैसे को निवेश में लगाना अधिक समझदारी हो सकती है।

अन्य लोन की प्राथमिकता का निर्धारण

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यदि आपके पास एक से अधिक लोन हैं तो सबसे पहले उच्च ब्याज दर वाले लोन को चुकाना बेहतर रणनीति है। होम लोन की ब्याज दर आमतौर पर पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड लोन, या कार लोन से कम होती है। इसलिए यदि आपके पास क्रेडिट कार्ड का बकाया है जिस पर 24-36 प्रतिशत ब्याज लग रहा है, तो पहले उसे चुकाना अधिक फायदेमंद होगा।

इसी तरह पर्सनल लोन पर भी 12-18 प्रतिशत तक ब्याज लगता है, जो होम लोन से काफी अधिक होता है। वित्तीय नियोजन में हमेशा उच्च ब्याज दर वाले कर्ज को पहले चुकाने की सलाह दी जाती है। इससे आपकी कुल ब्याज की देनदारी कम हो जाती है और आपकी वित्तीय स्थिति मजबूत होती है।

कर छूट के लाभों का विश्लेषण

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होम लोन लेने का एक बड़ा फायदा यह है कि इस पर आपको कर छूट मिलती है। मूल राशि के भुगतान पर धारा 80सी के तहत प्रति वर्ष 1.50 लाख रुपए तक की कर छूट मिलती है। इसके अतिरिक्त, ब्याज भुगतान पर धारा 24 के तहत भी कर छूट का लाभ उठा सकते हैं। यदि आप प्री-पेमेंट करके लोन जल्दी बंद कर देते हैं तो ये कर लाभ समाप्त हो जाते हैं।

सरकार की ‘सभी के लिए आवास’ जैसी योजनाओं के कारण भविष्य में होम लोन पर कर छूट और भी बढ़ सकती है। इसलिए प्री-पेमेंट का निर्णय लेते समय इन कर लाभों को भी ध्यान में रखना चाहिए। कई बार कर छूट का फायदा प्री-पेमेंट से होने वाली ब्याज बचत से अधिक हो सकता है।

प्री-पेमेंट शुल्क की जानकारी

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होम लोन की प्री-पेमेंट करने से पहले बैंक के नियम-कानूनों को समझना बेहद जरूरी है। फ्लोटिंग रेट होम लोन पर आमतौर पर कोई प्री-पेमेंट चार्ज नहीं लगता, लेकिन फिक्स्ड रेट लोन पर प्री-पेमेंट शुल्क लग सकता है। यह शुल्क आमतौर पर प्री-पेमेंट राशि का 2-4 प्रतिशत तक हो सकता है। इसलिए प्री-पेमेंट का निर्णय लेने से पहले अपने बैंक से सभी नियम और शर्तों की पूरी जानकारी जरूर ले लें।

Disclaimer

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले योग्य वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें। प्रत्येक व्यक्ति की वित्तीय स्थिति अलग होती है, इसलिए व्यक्तिगत सलाह लेना आवश्यक है।

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Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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