Personal Loan: आज के समय में अचानक आने वाली वित्तीय जरूरतों के लिए पर्सनल लोन एक लोकप्रिय विकल्प बन गया है। चाहे मेडिकल इमरजेंसी हो, शादी-विवाह का खर्च हो या फिर कोई अन्य तत्काल आवश्यकता, लोग पर्सनल लोन का सहारा लेते हैं। हालांकि यह लोन आसानी से मिल जाता है, लेकिन इसे लेते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान न रखना आपको मुसीबत में डाल सकता है।
पर्सनल लोन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके लिए किसी गारंटी या सिक्योरिटी की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन इसकी ब्याज दरें अन्य लोन की तुलना में अधिक होती हैं। इसलिए बिना सोचे-समझे पर्सनल लोन लेना आपको कर्ज के जाल में फंसा सकता है। इससे बचने के लिए कुछ अहम बातों को जानना जरूरी है।
सिबिल स्कोर की जांच करना अनिवार्य
पर्सनल लोन लेने से पहले सबसे महत्वपूर्ण काम है अपना सिबिल स्कोर चेक करना। यह स्कोर आपकी वित्तीय विश्वसनीयता को दर्शाता है और इसी के आधार पर बैंक आपको लोन देने या न देने का फैसला करता है। यदि आपका सिबिल स्कोर अच्छा है तो आपको कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है, वहीं खराब स्कोर पर अधिक ब्याज दर चुकानी पड़ सकती है।
सिबिल स्कोर सात सौ से ऊपर होना अच्छा माना जाता है। यदि आपका स्कोर इससे कम है तो पहले इसे सुधारने की कोशिश करें। अलग-अलग बैंकों की ब्याज दरों की तुलना करके सबसे बेहतर विकल्प चुनें। ब्रोकर के माध्यम से लोन लेने से बचें क्योंकि इसमें अतिरिक्त फीस लग सकती है।
ब्याज दरों की तुलना और समझ
पर्सनल लोन जल्दी मिल जाने के कारण कई लोग ब्याज दरों पर ध्यान नहीं देते। यह एक बड़ी गलती है जो बाद में भारी पड़ सकती है। विभिन्न बैंकों और एनबीएफसी की ब्याज दरों में काफी अंतर हो सकता है। कुछ संस्थाएं कम ब्याज दर का लालच देकर बाद में छुपी हुई फीस वसूलती हैं।
इसलिए लोन लेने से पहले सभी शुल्कों की जानकारी लें। प्रोसेसिंग फीस, प्री-पेमेंट चार्जेस, लेट पेमेंट फीस जैसे सभी खर्चों को समझ लें। कुछ बैंक शुरुआत में कम ब्याज दर बताकर बाद में बढ़ा देते हैं। इसलिए फिक्स्ड या फ्लोटिंग ब्याज दर के बारे में स्पष्टता रखें।
ईएमआई की गणना और भुगतान क्षमता
पर्सनल लोन की ईएमआई आमतौर पर अधिक होती है क्योंकि इसकी ब्याज दरें ज्यादा होती हैं। लोन लेने से पहले अपनी मासिक आय का हिसाब लगाएं और देखें कि कितनी ईएमआई आप आसानी से चुका सकते हैं। वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार आपकी कुल ईएमआई आपकी मासिक आय का चालीस प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।
ईएमआई कैलकुलेटर का उपयोग करके पहले से ही अपनी मासिक किस्त का हिसाब लगा लें। यदि ईएमआई ज्यादा लग रही है तो लोन की राशि कम कर दें या अवधि बढ़ाने पर विचार करें। हालांकि लंबी अवधि में कुल ब्याज अधिक देना पड़ता है।
पारदर्शिता और सही जानकारी का महत्व
बैंक के साथ पूरी ईमानदारी बरतना बेहद जरूरी है। यदि आपके ऊपर पहले से कोई लोन है या आपकी वित्तीय स्थिति में कोई समस्या है तो इसे छुपाने की कोशिश न करें। बैंक के पास आपकी सभी वित्तीय जानकारियां चेक करने के तरीके हैं और झूठी जानकारी देने पर आपका लोन रिजेक्ट हो सकता है।
सभी दस्तावेज सही और पूरे रखें। आय प्रमाण पत्र, बैंक स्टेटमेंट, पहचान प्रमाण आदि की सटीक कॉपी जमा करें। गलत या अधूरी जानकारी देने से न केवल लोन रिजेक्ट हो सकता है बल्कि भविष्य में भी लोन लेने में समस्या हो सकती है।
अस्वीकरण: यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। पर्सनल लोन की शर्तें और ब्याज दरें बैंक और समय के अनुसार बदल सकती हैं। लोन लेने से पहले संबंधित बैंक से विस्तृत जानकारी अवश्य प्राप्त करें।