RBI Fake Note: भारतीय रिज़र्व बैंक की हालिया रिपोर्ट में नकली नोटों की बढ़ती संख्या को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान देशभर में कुल दो लाख सत्रह हजार तीन सौ छियानवे नकली नोट पकड़े गए हैं। इन आंकड़ों में पांच सौ रुपये के एक लाख सत्रह हजार सात सौ बाईस नकली नोट और दो सौ रुपये के बत्तीस हजार छह सौ साठ नकली नोट शामिल हैं। यह स्थिति इस बात का प्रमाण है कि नकली मुद्रा का नेटवर्क लगातार फैल रहा है और आम नागरिकों के लिए यह एक बड़ा आर्थिक खतरा बनता जा रहा है। नकली नोटों का प्रचलन न केवल व्यक्तिगत नुकसान पहुंचाता है बल्कि देश की पूरी अर्थव्यवस्था के लिए भी हानिकारक है। इसलिए हर नागरिक को इस समस्या की गंभीरता को समझना और उचित सावधानी बरतना आवश्यक है।
बैंकिंग लेन-देन में बढ़ते नकली नोट
आरबीआई की रिपोर्ट में एक चौंकाने वाला तथ्य यह सामने आया है कि नकली नोटों की सबसे अधिक संख्या बैंकिंग लेन-देन के माध्यम से पकड़ी जा रही है। एटीएम से पैसे निकालते समय, नकद जमा करते समय और बैंक शाखाओं में होने वाले लेन-देन के दौरान यह फर्जी नोट सामने आ रहे हैं। यह स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है क्योंकि लोग बैंकिंग प्रणाली को सबसे सुरक्षित मानते हैं। इसलिए अब नागरिकों को बैंक से मिलने वाले नोटों की भी सतर्कता से जांच करनी चाहिए। विशेष रूप से पांच सौ और दो सौ रुपये के नोटों को लेकर अधिक सावधानी बरतना आवश्यक है क्योंकि इन्हीं मूल्यवर्ग के नकली नोट सबसे अधिक संख्या में पकड़े गए हैं।
पांच सौ रुपये के असली नोट की विशेषताएं
पांच सौ रुपये के असली नोट की पहचान करना नकली मुद्रा से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है। इस नोट का रंग स्टोन ग्रे होता है और इसका आकार छियासठ गुणा एक सौ पचास मिलीमीटर है। नोट के मुख्य भाग में महात्मा गांधी की तस्वीर होती है और पीछे की तरफ लाल किले का चित्र बना होता है। सुरक्षा धागा इस नोट की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है जो रंग बदलता रहता है और हरे से नीले रंग में परिवर्तित होता है। वॉटरमार्क में गांधी जी की छवि और पांच सौ का अंक स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। नोट पर उभरी हुई स्याही का प्रयोग किया गया है जिसे स्पर्श से महसूस किया जा सकता है। माइक्रो टेक्स्ट और देवनागरी में लिखे गए पांच सौ रुपये के शब्द भी इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि करते हैं।
दो सौ रुपये के नोट की पहचान
दो सौ रुपये का नोट नकली मुद्रा के मामलों में दूसरे स्थान पर सबसे अधिक जब्त किया गया है। इस नोट का रंग चमकीला पीला होता है और इसका आकार छियासठ गुणा एक सौ छियालीस मिलीमीटर है। नोट के सामने महात्मा गांधी की तस्वीर होती है जबकि पीछे की तरफ साँची स्तूप का चित्र बना होता है। इसमें भी रंग बदलने वाला सुरक्षा धागा होता है जो नोट की प्रामाणिकता का प्रमाण देता है। दृष्टिबाधित व्यक्तियों की सुविधा के लिए इस पर उभरे हुए निशान बनाए गए हैं। स्वच्छ भारत का लोगो, देवनागरी में मूल्य, गवर्नर का हस्ताक्षार, गारंटी क्लॉज और आरबीआई का प्रतीक इसकी अन्य महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं।
संदेहास्पद नोट मिलने पर करें यह काम
यदि किसी नोट को लेकर संदेह हो तो तुरंत नजदीकी बैंक शाखा में जाकर इसकी रिपोर्ट करनी चाहिए। आरबीआई के नियमों के अनुसार बैंक उस नोट की विस्तृत जांच करता है और ग्राहक को एफआईआर दर्ज कराने की आवश्यकता नहीं होती। केवल नोट की संपूर्ण जानकारी देना पर्याप्त होता है। बड़ी राशि का नकद लेन-देन करने से पहले सभी नोटों की सावधानीपूर्वक जांच करें। रात के समय या भीड़भाड़ वाली जगहों पर लेन-देन करते समय विशेष सतर्कता बरतें। एटीएम से निकाले गए नोटों को तुरंत वहीं जांच लें।
सरकार और आरबीआई के सुरक्षा उपाय
भारतीय रिज़र्व बैंक नियमित रूप से नकली नोटों के बारे में चेतावनी और दिशानिर्देश जारी करता रहता है। बैंकों को संदेहास्पद नोटों की जांच और रिपोर्टिंग के सख्त निर्देश दिए गए हैं। सरकार और आरबीआई संयुक्त रूप से जनजागरूकता अभियान चला रहे हैं ताकि लोग नकली नोटों से अपनी सुरक्षा कर सकें। नागरिकों को सुरक्षा चिन्हों को पहचानने की आदत डालनी चाहिए और किसी भी संदेह की स्थिति में तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करना चाहिए।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। नकली नोटों की पहचान के लिए आरबीआई की आधिकारिक गाइडलाइन देखें। किसी भी संदेह की स्थिति में तुरंत बैंक से संपर्क करें। लेखक या प्रकाशक किसी भी प्रकार की हानि के लिए जिम्मेदार नहीं होगा।