RBI New Guidelines: भारतीय रिजर्व बैंक ने ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण नियम बनाया है। सितंबर 2019 में जारी इस नियम के अनुसार, यदि कोई बैंक लेनदेन असफल होने पर निर्धारित समय में पैसा वापस नहीं करता है, तो उसे ग्राहक को जुर्माना देना होगा। इस व्यवस्था से बैंकों को ग्राहकों की समस्याओं का तुरंत समाधान करने के लिए प्रेरणा मिलती है।
टर्न अराउंड टाइम क्या है
टर्न अराउंड टाइम का मतलब है वह समय जिसके अंदर बैंक को असफल लेनदेन की स्थिति में ग्राहक का पैसा वापस करना होता है। यह समय अलग-अलग प्रकार के लेनदेन के लिए अलग-अलग होता है। आरबीआई ने हर प्रकार के डिजिटल लेनदेन के लिए एक निश्चित समय सीमा तय की है। इस समय सीमा के बाद बैंक को ग्राहक को मुआवजा देना पड़ता है।
एटीएम लेनदेन में पेनाल्टी
जब आप एटीएम से पैसा निकालते हैं और आपके खाते से पैसा कट जाता है लेकिन नकदी नहीं मिलती, तो यह एक बड़ी समस्या बन जाती है। ऐसी स्थिति में बैंक को लेनदेन के दिन से लेकर पांच दिनों के अंदर पैसा वापस करना होता है। यदि बैंक इस समय सीमा में पैसा वापस नहीं करता है, तो ग्राहक को प्रतिदिन सौ रुपए की पेनाल्टी मिलती है। यह राशि तब तक मिलती रहती है जब तक पैसा वापस नहीं हो जाता।
कार्ड से कार्ड ट्रांसफर की समस्या
कार्ड से कार्ड ट्रांसफर में भी कभी-कभी समस्या आती है। जब आप किसी को पैसा भेजते हैं और आपके खाते से पैसा कट जाता है लेकिन दूसरे व्यक्ति के खाते में नहीं पहुंचता, तो बैंक को दो दिन के अंदर इसे ठीक करना होता है। यह दो दिन का समय लेनदेन वाले दिन और अगले दिन को मिलाकर गिना जाता है। इस समय के बाद बैंक को रोजाना सौ रुपए पेनाल्टी देनी पड़ती है।
डिजिटल पेमेंट में देरी का नुकसान
आजकल ऑनलाइन शॉपिंग, यूपीआई पेमेंट, और पॉइंट ऑफ सेल मशीन से पेमेंट करना आम बात है। जब इन तरीकों से पेमेंट करते समय आपके खाते से पैसा कट जाता है लेकिन दुकानदार या व्यापारी के खाते में नहीं पहुंचता, तो यह परेशानी का कारण बनता है। ऐसे मामलों में बैंक को अगले दिन तक समस्या हल करनी होती है। देरी होने पर प्रतिदिन सौ रुपए का जुर्माना लगता है।
पेनाल्टी कब मिलती है
यह जरूरी है कि लेनदेन की असफलता का कारण ग्राहक की गलती नहीं होना चाहिए। यदि तकनीकी समस्या, नेटवर्क की खराबी, या बैंक की तरफ से कोई गलती के कारण लेनदेन असफल होता है, तभी पेनाल्टी मिलती है। ग्राहक को इस नियम की जानकारी रखनी चाहिए और समस्या होने पर बैंक से संपर्क करके अपना हक मांगना चाहिए।
यह नियम ग्राहकों के लिए बेहद फायदेमंद है क्योंकि इससे बैंकों को जल्दी समस्या हल करने का दबाव रहता है। डिजिटल लेनदेन बढ़ने के साथ यह व्यवस्था और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
अस्वीकरण: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। वास्तविक स्थिति में बैंक से संपर्क करें और आधिकारिक नियमों की पुष्टि करें। पेनाल्टी की दरें और नियम समय-समय पर बदल सकते हैं।